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स्वामीजी श्रीशरणानन्दजी महाराज पुस्तकों में अपना नाम तथा चित्र प्रकाशित करने के लिए कभी अनुमति नहीं देते थे। परंतु देश, काल, परिस्थिति परिवर्तन तथा कुछ व्यावहारिक कारणों से इस Website में उनका नाम तथा चित्र दिया गया है। श्रीस्वामीजी के इस संबंध के विचार जानने के लिए इस pdf को पढ़ें। विलक्षण संत, विलक्षण विचार (Pdf) For Download these images, right click on the Download [HQ] and choose Save link as... ॥
हे मेरे नाथ! तुम प्यारे लगो, तुम प्यारे लगो! ॥ |
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