जो तुम चाहते हो, वह नहीं होता, इसलिए आप अभागे नहीं हैं। आप चाहते हैं, इसलिये अभागे हैं और यह जानते हुए कि जो चाहते हैं सो नहीं होता, फिर भी चाहते हैं। - स्वामी श्रीशरणानन्दजी

॥ हरि: शरणम्‌ !॥ ॥ मेरे नाथ ! ॥ ॥ हरि: शरणम्‌ !॥
॥ God's Refuge ! ॥ ॥ My Lord ! ॥ ॥ God's Refuge ! ॥

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॥ हे मेरे नाथ! तुम प्यारे लगो, तुम प्यारे लगो! ॥
॥ O' My Lord! May I find you lovable, May I find you lovable! ॥

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